मंगलवार, 16 अप्रैल 2024

खूब सराही भाग का , हम भारत के लोग

 केत्तव पुरखा  गुजरिगें, मन  मा  लये रहस्स।  
बरिस पांच सै मा मिला ,देखैं का शुभ द्रस्स।। 
 
अपने  भुंइ  मा  राम जू , मना  रहे  हें पर्ब ।
सत्य सनातन धर्म का, आज हिदय मा गर्ब।। 
 
आँखिन से देख्यन हमूं ,पहिल नमै तिथि जोग।
खूब  सराही   भाग का , हम  भारत  के  लोग। । 

कुछ जन मुंह ओरमा लइन, देख के अबध उराव।
जे   भारत    के  पर्ब से,    राखंय     कपट   दुराव।। 

हमहूं साक्षी बन गयन, समय लइस जब मोड़। 
पूरी  दुनिया  का  दिहिस, श्री राघव  से  जोड़।।  

राम देस कै आतिमा, राम देस के प्रान ।
अपने भारत देस कै, रामै से पहिचान ।।
हेमराज हंस 


बुधवार, 10 अप्रैल 2024

SAMDHI SAHEB SHRI YUT TIWARI JU


 

हम आपन पूजा करी औ उइ पढ़ै नमाज।

 हम आपन पूजा करी औ उइ पढ़ै नमाज। 

ईश्वर कै आराधना अलग अलग अंदाज।। 


पण्डा बइठ देवार मा बजै नगरिया झांझ। 

हांक परी ओच्छा मोरी गूँजे नौ दिन साँझ।। 


जबा देबारे बोबरि गा होय हूम अस्थान। 

संझा से लै रात तक मढ़ई भगत कै तान।। 

खखरी भुंडी तक किहिन,मानस का अपमान

 जीबन  के  हर  पक्ष  का,जे  दे  सरल निदान। 

खखरी भुंडी तक किहिन,मानस का अपमान।।


लगी  रही  जब  देस  मा, गरिआमै  कै  रयाव।

ता  न किहा  आलोचना, औ न दीन्हया ठयाव।।


डेंगू अउर  मलेरिया,  कह्या  तु  ऊल जलूल। 

वा तोहरे अपमान का, सकब  न हरबी भूल।। 

हेमराज हंस   

सोमवार, 8 अप्रैल 2024

रविवार, 7 अप्रैल 2024

जउन बोया वा काटा भाई।

 जउन   बोया  वा  काटा  भाई। 

अब   काहे    का   घाटा  भाई।।


जर्जर   पोथी   ही  चरित्त कै 

वमै   चढ़ा   ल्या  गाता भाई।।


भया  सुखे  दुःख ठाढ़ न कबहूं  

तब    काहे   का   नाता  भाई। ।


बड़े    सत्तबादी    बक्ता    हा

पुन  थूंका   पुन  चाटा   भाई।।


आजु हबै मुँह जउकी का जउका   

काल्ह  कटी  पुन  लाटा भाई। । 


काहु  का परथन कहूं समर्थन 

आपन  मतलब    सांटा  भाई।।


ऐसी   कूलर  अपना  का  सुभ 

"हँस"   के   है  फर्राटा    भाई।  ।

हेमराज हँस --9575287490 


शनिवार, 6 अप्रैल 2024

जब परछन भै अबध कै

 जब परछन भै अबध कै, ता उइ रहें रिसान। 

अब सत्ता  का स्वाद है,  खट्टा करू कसान।।  

जे जनता  के  भाबना, केर  करी  तउहीन। 

ता फुर माना राम दै, रही  न कउनव दीन।।  

खूब सराही भाग का , हम भारत के लोग

  केत्तव पुरखा  गुजरिगें, मन  मा  लये रहस्स।   बरिस पांच सै मा मिला ,देखैं का शुभ द्रस्स।।    अपने  भुंइ  मा  राम जू , मना  रहे  हें पर्ब । ...